इंदौर
साल-2022 बीतते-बीतते इंदौर मध्य भारत में सूचना प्रोद्यौगिकी का सबसे बड़े केंद्र बनकर स्थापित हो चुका है। साल 2023 में चीन से चार प्रमुख आइटी कंपनियां और भी इंदौर में कामकाज शुरू करने की तैयारी में हैं। अब तक बैंगलुरू, हैदराबाद और पुणे तक सिमटी रहने वाली प्रमुख आइटी कंपनियां एक के बाद एक अब इंदौर में दफ्तर खोल रही है। खास बात ये कि चार साल पहले कुछ कंपनियों के आने से बड़ा शोर मचा था। 2022 आइटी इंडस्ट्रीज के लिहाज से इंदौर के लिए उपलब्धि भरा काल नजर आ रहा है। इस एक ही साल में कम से कम आठ बड़ी आइटी कंपनियां इंदौर में काम शुरू कर चुकी है। खास बात ये कि इनमें से लगभग सभी बहुराष्ट्रीय कंपनियां हैं।
इसी साल जनवरी या फरवरी में देश में सूचना प्रौद्योगिकी में बड़ा नाम बन चुकी एलएंडटी इन्फोटेक के भी इंदौर में दफ्तर शुरू करने की उम्मीद की जा रही है।बीते एक वर्ष में इंदौर में कुछ बड़ी आइटी कंपनियों ने अपने दफ्तर, आपरेशन और डेवलपमेंट सेंटर शुरू किए हैं। इनमें परसिस्टेंट, एक्सेंचर, पेपरचेस, रिवेल, प्लांटिक्स, न्यूक्लियस-टेक, नगारो जैसी कंपनियां शामिल है। जबकि प्रमुख जापानी आइटी कंपनी राकुटेन ने इंदौर की एक आइटी कंपनी का अधिग्रहण कर अपना ठिकाना इंदौर में बना लिया। इतना ही नहीं इंदौर में स्थापित हुई आइटी कंपनियों ने विस्तार करते हुए विदेश में अपने कामकाज फैलाया।
इंफोबींस एक अमेरिकी आइटी कंपनी के अधिग्रहण के कारण चर्चा मे आई। इम्पेट्स ने भी तमाम देशों में अपने सेंटर खोल लिए हैं। इंदौर से शुरू हुई बियांड-की ने भी अमेरिका में हेडआफिस और यूरोप में सेंटर शुरू कर दिया। सिलसिला यहीं थम नहीं रहा है। साल 2023 में आइटी क्षेत्र के कुछ और दिग्गज ब्रांड इंदौर में कदम रखने वाले हैं। इनमें प्रमुख कंसलटिंग कंपनियां शामिल है। जनवरी से ही एक बड़ी कंपनी के आने की संभावना जताई जा रही है।
बात है इंदौर में
देवी अहिल्या विवि के प्लेसमेंट आफिसर डा. अवनीश व्यास कहते हैं आइटी कंपनियों के इंदौर को सिर्फ यूं ही ठिकाना नहीं बना रही। यहां आने से पहले ये तमाम कंपनियां विस्तृत सर्वे कर रही है। पहले से मौजूद कंपनियों के प्रदर्शन को भी आंकती है। कुछ और बड़े नाम हाल ही में ऐसा सर्वे कर लौटे हैं। दरअसल बैंगलुरू या पुणे के मुकाबले इंदौर में इन कंपनियों की परिचालन लागत कम आ रही है। सिर्फ इतना ही नहीं यहां इन्हें टैलेंटेड युवा भी आसानी से मिल रहे हैं। ये वे युवा है जो अब तक इंदौर से इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट व अन्य डिग्रियां लेकर पुणे, हैदराबाद नौकरी के लिए जाते थे। वे अब इंदौर में काम करना पसंद कर रहे हैं। महानगरों और टियर-वन सिटी के मुकाबले यहां काम करने पर उन्हें खर्च भी कम करना पड़ रहा और घर के नजदीक भी है। ऐसे में इंदौर में आना कंपनियों के साथ उनके कर्मचारियों को भी सुहा रहा है।