छत्तीसगढ़-बीजापुर में ग्रामीणों ने एनएच जाम कर वापस मांगी लकड़ी, वन विभाग की कार्रवाई पर जताया आक्रोश

बीजापुर।

बीजापुर में सामान्य वन परिक्षेत्र बीजापुर व इंद्रावती टाइगर रिज़र्व के बीजापुर बफर क्षेत्र अंतर्गत आने वाले मोदकपाल के कुछ घरों में दबिश देकर वन अमले ने सागौन से बने फर्नीचर जब्त किए है। वन विभाग की इस कार्यवाही से ग्रामीणों में नाराज पनपी और ग्रामीणों ने नेशनल हाइवे जाम कर वन विभाग की कार्यवाही को गलत बताते हुए विरोध कर लकड़ी वापस करने की मांग की है।

मुखबिरी की सूचना के आधार पर बीते दिनों सामान्य वन परिक्षेत्र बीजापुर व इंद्रावती टाइगर रिजर्व बीजापुर बफर  की संयुक्त टीम ने मोदकपाल के पांच घरों में दबिश देकर सागौन लकड़ी का बड़ा ज़ख़ीरा बरामद करने का दावा किया था। बुधवार की सुबह होते ही वन विभाग की इस कार्यवाही को गलत बताते हुए मोदकपाल के नाराज ग्रामीणों ने छोटे बच्चों को लेकर नेशनल हाईवे को जाम कर दिया। करीब घण्टे भर से ज्यादा तक इस मार्ग पर आवागमन बाधित रहा। ग्रामीण गलत तरीके से जब्त की गई लकड़ी को वापिस करने की मांग कर रहे थे। अफसरों ने वहां पहुंचकर ग्रामीणों को समझाईस दी। इसके बाद  फिलहाल यातायात बहाल करवा दिया गया है। लेकिन मांगें नहीं मानने पर दोबारा नेशनल हाईवे जाम करने की बात ग्रामीण कह रहे हैं। बताया गया है कि सामान्य वनविभाग और इंद्रावती टाइगर रिजर्व की टीम ने मंगलवार की शाम ग्राम मोदकपाल के पांच घरों में रखा सागौन लकड़ी, फर्नीचर, चौखट बरामद किया था। जिसकी कीमत अभी आंकी नहीं गई है। बीजापुर सामान्य वन परिक्षेत्र अधिकारी अशोक द्रिवेदी ने बताया कि उन्होंने वहां से 27 हजार का सागौन से बना फर्नीचर जब्त किया है। वही इंद्रावती टाइगर रिजर्व बीजापुर बफर परिक्षेत्र अधिकारी दीपक बघेल ने बताया कि उनकी टीम अभी मेजरमेंट कर रही है। इसके बाद ही सागौन की कीमत का आंकलन हो पायेगा। जानकारी के मुताबिक बीजापुर- भोपालपटनम सड़क पर स्तिथ मोदकपाल में आज वनविभाग की संयुक्त दल ने दबिश देकर बड़ी मात्रा में लकड़ी बरामद किया। बरामद माल को जब्त कर वनविभाग अब मूल्यांकन में जुटा है। रेंजर दीपक बघेल ने बताया कि पक्की सूचना के आधार पर दबिश देकर लकड़ी बरामद की गई है। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास निर्माण के लिए ग्रामीण इन दिनों अपने घर के दरवाजे खिड़की और चौखट के लिए सागौन की लकड़ी का इस्तेमाल कर रहे हैं। घर के साजो सामान और फर्नीचर के लिए सागौन की लकड़ी का सालों से उपयोग हो रहा है। भोपालपटनम और मद्देड रेंज में काटे गए सैकड़ों हजारों सागौन पेड़ों को काटे गए स्थल में भी वनविभाग कार्रवाई करने में ऐसी ही जल्दबाजी दिखाये।

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