भोपाल
प्रदेश में राज्य पुलिस सेवा से आईपीएस अवार्ड होने में हर साल हो रही देरी के बीच इस साल इस देरी को दुरुस्त करने का प्रयास किया जा रहा है। यदि सब कुछ ठीक रहा और केंद्र और राज्य शासन की ओर से कोई अड़चन नहीं आई तो प्रदेश में संभवता पहली बार ऐसा होगा जब दो साल की वेकेंसी के विपरित एसपीएस अफसरों को आईपीएस अवार्ड करने के लिए एक साथ ही डीपीसी होगी। पुलिस मुख्यालय के अफसर इसी प्रयास में लगे हुए हैं कि इस साल डीपीसी 27 फरवरी को ही हो जाए।
राज्य पुलिस सेवा के 1997 बैच के अफसरों को आईपीएस बनने के लिए अब लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय का प्रयास है कि अगले महीने होने वाली डीपीसी में राज्य पुलिस सेवा के दस की जगह पर बीस अफसरों की डीपीसी हो। जिसमें दस अफसर वर्ष 1997 बैच के हों।
इसके लिए इस बैच अफसरों को आईपीएस अवार्ड के लिए प्रस्ताव तैयार करवाने की कवायद शुरू कर दी गई है। यदि समय रहते इस प्रस्ताव पर केंद्र से कोई अड़चन नहीं आई तो 27 फरवरी को दस और अफसरों को भी आईपीएस बनाए जाने के लिए डीपीसी हो सकती है। गौरतलब है कि वर्ष 2021 की वैकेंसी के आधार पर आईपीएस अवार्ड के लिए डीपीसी की तारीख तय हो चुकी है, यह डीपीसी 27 फरवरी को होना है।
कॉडर रिव्यू का इस बैच को मिलेगा फायदा
राज्य पुलिस सेवा के अफसरों के लिए आईपीएस अवार्ड होने में वर्ष 1997 बैच के अफसरों को फायदा मिलेगा। आईपीएस का कॉडर रिव्यू जून 2022 में हुआ था,जिसमें पांच पद एसपीएस अफसरों को आईपीएस बनाने के लिए दिए गए हैं। राज्य पुलिस सेवा से आईपीसी अफसर होकर रिटायर होने वालों अफसरों की 2022 में सख्या महज 5 थी, इसके चलते पांच वैकेंसी हैं। जबकि पांच पद कॉडर रिव्यू में इनके बढ़े हैं। ऐसे में पांच वैकेंसी के पद और पांच कॉडर रिव्यू में मिले पदों के कारण इस बार दस अफसरों को आईपीएस अवार्ड होेगा। डीपीसी के लिए तीस अफसरों के नाम भेजे जाएंगे। जिसमें में बेहतर रिकॉर्ड वाले शुरू के दस अफसरों को आईपीएस अवार्ड होगा।
दो अफसरों पर अडंगा
जो दस आईपीएस अफसर बनेंगे वे वर्ष 1997 बैच के ही होंगे। इसमें शुरू के दस अफसरों में दो अफसरों को नाम डीपीसी में बाहर हो सकता। इसमें एक अफसर की जांच चल रही है,जबकि दूसरे अफसर की उम्र 60 साल हो चुकी है। साठ की उम्र वाले अफसर को आईपीएस अवार्ड नहीं होगा,जबकि जिन अफसर की जांच चल रही है, उन्हें डीपीसी से पहले क्लीन चिट मिलना मुश्किल हैं। इसलिए दोनों अफसर आईपीएस नहीं हो सकेंगे।
ये अफसर बन सकते हैं आईपीएस
सूत्रों के अनुसार राजेश व्यास, पदम विलोचन शुक्ला, सुधीर कुमार अग्रवाल, पंकज कुमार पांडे, अजय पांडे, डॉ. संजय कुमार अग्रवाल, दिलीप सिंह सोनी, सीताराम सासात्य, अवधेश प्रताप सिंह बागरी और राजेंद्र कुमार वर्मा आईपीएस हो सकते हैं। जबकि वर्ष 2021 की वैकेंसी के आधार पर होने वाली 27 फरवरी को डीपीसी में प्रकाश परिहार, विनोद कुमार सिंह, मनीष खत्री, राजेश कुमार त्रिपाठी, सुनील कुमार मेहता, वीरेंद्र जैन, देवेंद्र कुमार पाटीदार, राय सिंह नरवरिया, राजशरण प्रजापति और सुंदर सिंह कनेश आईपीएस हो सकते हैं।