इलेक्ट्रॉनिक कचरे का निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार निपटान करें कलेक्टर
रीवा
आम आदमी के सामान्य कामकाज तथा कार्यालयों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का बहुतायत से उपयोग किया जाता है। निश्चित समय के बाद इलेक्ट्रॉनिक उपकरण अनुपयोगी हो जाते हैं। इनके निपटान के लिए शासन द्वारा प्रक्रिया निर्धारित की गई है। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में कलेक्टर ने अधिकारियों को इलेक्ट्रॉनिक कचरे के निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार निपटान के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के द्वारा निजी संस्था सार्थक के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक कचरे के निपटान की व्यवस्था की गई है। संस्था के प्रतिनिधि निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार सभी कार्यालयों से इलेक्ट्रॉनिक कचरा प्राप्त करके उसका वैज्ञानिक तरीके से निपटान करें। इसमें कम्प्यूटर सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण तथा गैजेट्स शामिल हैं। अनुपयोगी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से घातक गैसों का उत्सर्जन होता है जो हम सबके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। घर अथवा कार्यालय में किसी भी रूप में कचरा रहने पर उससे नकारात्मक ऊर्जा फैलती है।
कलेक्टर ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के अधिकारी इलेक्ट्रॉनिक कचरे के निपटान की व्यवस्थाओं का व्यापक प्रसार-प्रसार करें। सार्थक संस्था के प्रतिनिधि के कार्य स्थल तथा नाम एवं मोबाइल नम्बर की जानकारी का प्रचार-प्रसार करें जिससे आमजन भी इलेक्ट्रॉनिक कचरे के निपटान का लाभ उठा सकें। संस्था के प्रतिनिधि सभी कार्यालयों को इलेक्ट्रॉनिक कचरे में शामिल उपकरणों की सूची तथा उन्हें क्रय करने की दर तत्काल उपलब्ध कराएं। आयुक्त नगर निगम इलेक्ट्रॉनिक कचरे के निपटान के संबंध में की जा रही कार्यवाहियों में समन्वय और निगरानी का कार्य करें। आमजनता को भी इस संबंध में सोशल मीडिया तथा अन्य माध्यमों से संदेश देकर जागरूक करें। बैठक में आयुक्त नगर निगम श्रीमती संस्कृति जैन, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. सौरभ सोनवणे, अपर कलेक्टर नीलमणि अग्निहोत्री, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के डॉ. अशोक तिवारी, सार्थक संस्था के प्रतिनिधि जावेद अंसारी तथा सभी कार्यालय प्रमुख उपस्थित रहे।