भोपाल
नर्सिंग कोर्स के प्रवेश को छोड़कर सूबे में सभी कोर्स के प्रवेश पूर्ण हो चुके हैं, लेकिन अभी तक नर्सिंग के सत्र 2022-23 सत्र की शुरुआत नहीं हो सकी है। नर्सिंग काउंसिल से कॉलेजों को मान्यता जारी नहीं की गई हैं। यहां तक मप्र आयुर्र्विज्ञान विश्वविद्यालय से कॉलेजों को संबद्धता दी गई है। इसके चलते कॉलेजों की फीस फिक्स नहीं हो सकी है। जब तक कॉलेजों को मान्यता और संबद्धता नहीं मिल जाती है, तब तक उनकी फीस भी फिक्स नहीं होगी।
नर्सिंग कॉलेजों का फर्जीवाड़ा किसी से छिपा नहीं हैं। शासन भी उनका फर्जीवाड़ा समाप्त करने में ज्यादा मशक्कत नहीं कर रही है। यही कारण है कि अभी प्रदेश के 255 कॉलेजों की मान्यता और संबद्धता अभी तक जारी नहीं हो सकी है। इससे उनकी प्रवेश प्रक्रिया पर विराम भी लग सकता है। वहीं, प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति ने नर्सिंग कॉलेजों की फीस फिक्स करने की व्यवस्था जमा दी है। फीस फिक्स कराने के लिए कॉलेजों को मान्यता और संबद्धता अनिवार्य है। इसके अभाव में उनकी फीस फिक्स नहीं हो सकती है। अभी तक करीब 250 कॉलेजों को मान्यता नहीं दी गई है। सिर्फ पांच कॉलेजों को ही मान्यता दी गई है। उन्होंने फीस फिक्स कराने के लिए फीस कमेटी में आवेदन भी कर दिए हैं। कॉलेज फीस फिक्स कराने के लिए 15 जनवरी तक आवेदन कर सकते हैं।
विवि की लेटलतीफी: जबलपुर मेडिकल विश्वद्यालय की संबद्धता देने की प्रक्रिया काफी लचर है। इससे चिकित्सा शिक्षा विभाग के अलावा, फीस कमेटी और कॉलेज के साथ नर्सिंग काउंसिल तक परेशान है। यहां तक विद्यार्थियों ने विवि की व्यवस्था को लेकर कई बार प्रदर्शन किए हैं। चौतरफा शिकायत होने के बाद भी विवि की गतिविधियों में कोई सुधार नहीं हो सका है। एनएसयूआई मेडिकल विंग के रवि परमार ने आरोप लगाए हैं कि विवि के अधिकारी अपना हित साधने के लिए विद्यार्थियों के हितों को नजरअंदाज कर रहे हैं। अधिकारियों के विरोध में जल्द ही प्रदर्शन किए जाएंगे।
उक्त कोर्स की होना है फीस फिक्स
फीस कमेटी को नर्सिंग कॉलेजों में संचालित बीएससी नर्सिंग, पीबी नर्सिंग और एमएससी नर्सिंग कोर्स की फीस फिक्स करना है। कमेटी को उनकी फीस फिक्स करने मान्यता और संबद्धता के अलावा कॉलेजों की बैलेंस शीट की जरुरत होती है। इसके आधार पर ही फीस का निर्धारण किया जाता है।
विवि से संबद्धता और काउंसिल से मान्यता मिलने के बाद ही नर्सिंग कोर्स की फीस निर्धारित की जाएगी।
देवाआनंद हिंडोलिया, ओएसडी, फीस कमेटी